बचपन में मै पीपल के पेड़ क नीचे अपने  गांव के प्राथमिक विद्यालय में पहली बार गए थे तो अन्य बच्चों के साथ खेलने में घर की अपेक्षा
ज्यादा मजा आया था ,परन्तु तत्कालीन प्रचलित  रट्टा पद्धति   पढाई के प्रति मन  में भय था की अगर गृहकार्य  याद नही करेंगे तो पिटाई होगी l 
कहानी -----  कौआ और घड़ा  
प्यासा कौआ पानी की तलाश में भटकते हुए एक घड़ा में नीचे पेंदा में पानी देखता है ,जहाँ से कौआ पानी पीने में असमर्थ हो जाता है उसके बाद कौआ घड़ा  में कंकड़ डालना शुरू करता है l पानी ऊपर आ जाता है कौआ पानी पी लेता है ल
कविता -------- किसान 
नहीं हुआ है अभी सवेरा पूरब की लाली पहचान ,
चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान ल
खिला पीला बैलों को ले चला खेत पर काम 
नहीं कभी थकते हैं
उनके हैं आराम हराम ल
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