संज्ानातमक और पूर्भज्ान : िैवक्षक ्तर (प्राथिवमक, उचच प्राथिवमक), पूिा्भ पलेक्षा ज्ान और अनुरि, अविगम िैिी, वडविटि साक्षरता का ्तर, संज्ानातमक क्षमता। 3. रारातमक (उत्तेखजत करन ते राला) : विक्षक और छात्र विक्षा और अविगम, ऑनिाइन अविगम िातािरण, ्ियं कले प्रवत दृवटिकोण, प्रले रक ्तर, पार्पररक संबंिों और रुवच कले क्षलेत्र क ले प्रवत ्ियं कले दृवटिकोण का आतम वनरीक्षण कर सकतले हैं; इसविए पढातले समय छात्रों कले इन पहिुओं को समझना महतिपूण्भ है।4. सामाखजक : बचचले की सामाविक-आवथि्भक व्थिवत सले अिगत होना आिशयक है, प्रौद्ोवगकी का उपयोग करनले की रणनीवत बचचले कले पास उपिबि बुवनयादी ढाँचले और सुवििा पर अतयविक वनर्भर करती है।5. शरीर खरज्ान संबंधी : एक विक्षक को अपनले छात्रों कले सामानय िारीररक और रािनातमक ्िा््थय एिं वििले ष आिशयकताओं सले अिगत होना चावहए। इस तरह की िागरूकता सले उसले यह तय करनले में मदद वमिले गी वक कौन-सी वचवकतसा और वचवकतसीय मदद का सुझाि वदया िाना चावहए और कौन-सी सहायक तकनीकों को अपनाया िाना चावहए। 

ज्ानातमक और पर्भज्ान : िैवक्षक ्तर (प्राथिवमक, उचच प्राथिवमक), पिा्भ पलेक्षा ज्ान और अनरि, अविगम ििी, वडविटि साक्षरता का ्तर, सज्ानातमक क्षमता। 3. रारातमक (उत्तेखजत करन ते राला) : विक्षक और छात्र विक्षा और अविगम, ऑनिाइन अविगम िातािरण, ्िय कले प्रवत दृवटिकोण, प्रले रक ्तर, पार्पररक सिों और रुवच कले क्षलेत्र क ले प्रवत ्िय कले दृवटिकोण का आतम वनरीक्षण कर सकतले हैं; इसविए पढातले समय छात्रों कले इन पहि को समझना महतिपण्भ है।4. सामाखजक : बचचले की सामाविक-आवथि्भक व्थिवत सले अिगत होना आिशयक है, प्रौद्ोवगकी का उपयोग करनले की रणनीवत बचचले कले पास उपिबि बवनयादी ढाँचले और सवििा पर अतयविक वनर्भर करती है।5. शरीर खरज्ान सधी : एक विक्षक को अपनले छात्रों कले सामानय िारीररक और रािनातमक ्िा््थय एि वििले ष आिशयकताओ सले अिगत होना चावहए। इस तरह की िागरूकता सले उसले यह तय करनले में मदद वमिले गी वक कौन-सी वचवकतसा और वचवकतसीय मदद का सझाि वदया िाना चावहए और कौन-सी सहायक तकनीकों को अपनाया िाना चावहए।
संज्ानातमक और पूर्भज्ान : िैवक्षक ्तर (प्राथिवमक, उचच प्राथिवमक), पूिा्भ पलेक्षा ज्ान और अनुरि, अविगम िैिी, वडविटि साक्षरता का ्तर, संज्ानातमक क्षमता। 3. रारातमक (उत्तेखजत करन ते राला) : विक्षक और छात्र विक्षा और अविगम, ऑनिाइन अविगम िातािरण, ्ियं कले प्रवत दृवटिकोण, प्रले रक ्तर, पार्पररक संबंिों और रुवच कले क्षलेत्र क ले प्रवत ्ियं कले दृवटिकोण का आतम वनरीक्षण कर सकतले हैं; इसविए पढातले समय छात्रों कले इन पहिुओं को समझना महतिपूण्भ है।4. सामाखजक : बचचले की सामाविक-आवथि्भक व्थिवत सले अिगत होना आिशयक है, प्रौद्ोवगकी का उपयोग करनले की रणनीवत बचचले कले पास उपिबि बुवनयादी ढाँचले और सुवििा पर अतयविक वनर्भर करती है।5. शरीर खरज्ान संबंधी : एक विक्षक को अपनले छात्रों कले सामानय िारीररक और रािनातमक ्िा््थय एिं वििले ष आिशयकताओं सले अिगत होना चावहए। इस तरह की िागरूकता सले उसले यह तय करनले में मदद वमिले गी वक कौन-सी वचवकतसा और वचवकतसीय मदद का सुझाि वदया िाना चावहए और कौन-सी सहायक तकनीकों को अपनाया िाना चावहए।ज्ानातमक और पर्भज्ान : िैवक्षक ्तर (प्राथिवमक, उचच प्राथिवमक), पिा्भ पलेक्षा ज्ान और अनरि, अविगम ििी, वडविटि साक्षरता का ्तर, सज्ानातमक क्षमता। 3. रारातमक (उत्तेखजत करन ते राला) : विक्षक और छात्र विक्षा और अविगम, ऑनिाइन अविगम िातािरण, ्ि स
ज्ानातमक और पर्भज्ान : िैवक्षक ्तर (प्राथिवमक, उचच प्राथिवमक), पिा्भ पलेक्षा ज्ान और अनरि, अविगम ििी, वडविटि साक्षरता का ्तर, सज्ानातमक क्षमता। 3. रारातमक (उत्तेखजत करन ते राला) : विक्षक और छात्र विक्षा और अविगम, ऑनिाइन अविगम िातािरण, ्िय कले प्रवत दृवटिकोण, प्रले रक ्तर, पार्पररक सिों और रुवच कले क्षलेत्र क ले प्रवत ्िय कले दृवटिकोण का आतम वनरीक्षण कर सकतले हैं; इसविए पढातले समय छात्रों कले इन पहि को समझना महतिपण्भ है।4. सामाखजक : बचचले की सामाविक-आवथि्भक व्थिवत सले अिगत होना आिशयक है, प्रौद्ोवगकी का उपयोग करनले की रणनीवत बचचले कले पास उपिबि बवनयादी ढाँचले और सवििा पर अतयविक वनर्भर करती है।5. शरीर खरज्ान सधी : एक विक्षक को अपनले छात्रों कले सामानय िारीररक और रािनातमक ्िा््थय एि वििले ष आिशयकताओ सले अिगत होना चावहए। इस तरह की िागरूकता सले उसले यह तय करनले में मदद वमिले गी वक कौन-सी वचवकतसा और वचवकतसीय मदद का सझाि वदया िाना चावहए और कौन-सी सहायक तकनीकों को अपनाया िाना चावहए।
कले प्रवत दृवटिकोण, प्रले रक ्तर, पार्पररक सिों और रुवच कले क्षलेत्र क ले प्रवत ्िय कले दृवटिकोण का आतम वनरीक्षण कर सकतले हैं; इसविए पढातले समय छात्रों कले इन पहि को समझना महतिपण्भ है।4. सामाखजक : बचचले की सामाविक-आवथि्भक व्थिवत सले अिगत होना आिशयक है, प्रौद्ोवगकी का उपयोग करनले की रणनीवत बचचले कले पास उपिबि बवनयादी ढाँचले और सवििा पर अतयविक वनर्भर करती है।5. शरीर खरज्ान सधी : एक विक्षक को अपनले छात्रों कले सामानय िारीररक और रािनातमक ्िा््थय एि वििले ष आिशयकताओ सले अिगत होना चावहए। इस तरह की िागरूकता सले उसले यह तय करनले में मदद वमिले गी वक कौन-सी वचवकतसा और वचवकतसीय मदद का सझाि वदया िाना चावहए और कौन-सी सहायक तकनीकों को अपनाया िाना चावहए।

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